मृत्यु

जीवन के मूल सत्य का एक गहन पहलू है मृत्यु। जन्म के साथ मृत्यु लिख दी गई है। जो सत्य है उसे पूरे जीवन भर व्यक्ति नकारता जाता है बेहोशी वश। यह पता होते हुए भी कि शमशान उसका अंतिम ठिकाना है वह उसी के भय में जीता है। वह जीवन को नहीं जीता मगर…