मोक्ष क्या है ?

धर्म और अध्यात्म उन गिने-चुने कुछ लोगों की बातें हैं जो स्वयं को दांव पर लगाने के लिए तैयार हों। क्योंकि स्वयं को मिटाए बिना परम का अनुभव नहीं हो सकता ! बूंद अगर स्वयं को मिटाए बिना सागर से मिलना चाहती हो तो यह हो ही नहीं सकता। यह तो हो सकता है कि…