24 घंटों का आयोजन

दिनभर के 24 घंटों का आयोजन हम कैसे करें ताकि हम बड़ी आसानी से अपने लक्ष्यों को हासिल कर सके, एक आनंदपूर्ण जीवन जी सके, परिवार के साथ खुशनुमा समय बिता सकें इस पर आज कुछ बात करेंगे। इसके लिए आपको दिन के 24 घंटों को 8 घंटों में विभाजित करना है। पहले 8 घंटे…

समर्पण

अध्यात्म की सीढ़ियां कुछ चुनिंदा गिने-चुने लोगों के लिए है जो अपना सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार हैं। सत्य को पाना तभी संभव है जब आपका मिटना हो जाए। सत्य को जानना और उसमें स्थित होने की प्रबल प्यास कृपा से ही संभव है। और इसके अतिरिक्त कोई उपाय नहीं। साधक के लिए…

कर्म बंधन

परमात्मा को समर्पित हुआ भक्त सब उसे न्योछावर कर देता है। वह कुछ नहीं करता। जिसे करने योग्य मानता है, वही करता है। ऐसे करने में उसकी अपनी कोई मर्जी नहीं रह जाती। राजा जनक भगवान अष्टावक्र को कहते हैं – यत्‌ वेति तत्‌ स कुरुते। अर्थात भगवान को समर्पित हुआ भक्त वही करता है…

ध्यान

ध्यान ज्ञान और भक्ति का सार है। ध्यान निचोड़ है दोनों का। जिसको भक्त प्रीति कहता है, जिसको ज्ञानी बोध कहता है। ध्यान बोध और प्रीति का निचोड़ है। अगर आपके पास कुछ फूल भक्ति के हैं और कुछ फूल ज्ञान के और दोनों को निचोड़ कर तुमने इत्र बनाया वही है ध्यान।  ध्यान भक्त…

नए जीवन की संभावना

मैंने सुना है जापान में एक कौम है ‘समुराई’ जो युद्ध में जाने से पहले एक प्रथा से गुजर जाना नहीं भूलते और वह है – स्वयं को मार डालने की। इस रीत से गुजर जाने के बाद ही वह योद्धा से लड़ते हैं। तात्पर्य यह है कि युद्ध में जाने से पहले आप का…

क्या संसार सत्य है?

आत्म अनुभव के लिए एकमात्र अगर कोई बाधा है तो वह है अहंकार। अहंकार आदमी को पत्थर जैसा बना देता है। हम सत्य को तो श्रवण करते हैं मगर सत्य की परिभाषा जैसी है वैसी नहीं करते। हमारे सिद्धांत, हमारी सिखावन और हमारी मान्यताएं बीच में आड़े आती हैं। सत्य अनुभव की घटना तो क्षण…