गुरु सेतु है।

जो छीन जाए वह परमात्मा नहीं। जो छीन जाए वह संपदा नहीं। मौत भी जिसे छीन न सके, उसको पा लेना ही सब कुछ पा लेना है। वह संपदा सभी के भीतर है। शाश्वत के साथ संबंध जुड़े तो ही मृत्यु से ऊपर उठा जा सकता है। और तभी असली मायनों में जीवन शुरू हुआ…

WHERE IS GOD?

When you refer to Existence of God, we generally take God as an object. Is God an objective identity, something which we can see, possess or claim of? When one talks of God as an object, it is something which he claims of a situation like a heaven where God may be residing, blesses us…

नींद भी जागरण हो सकती है।

हम जीवन का एक तिहाई समय सोने में गुजार देते हैं। मगर हमें यह पता ही नहीं होता कि हम कब सोए ? हमें जागने का तो भान रहता है कब तक जागे मगर सोते हम बेहोशी में हैं। क्योंकि हम जागने में जागे हुए नहीं जीवन को जीते इसलिए हमें नींद में जागरण का…

सच्ची प्रार्थना कैसे हो ?

परमात्मा के साथ हम दो तरह से जुड़ सकते हैं। एक दार्शनिक की तरह और दूसरा भक्त की तरह। दार्शनिक की प्रार्थना बौद्धिक है, हार्दिक नहीं। जबकि भक्त की प्रार्थना रस से पूर्ण होती है। एक माधुर्य का संबंध परमात्मा के साथ निर्मित होता है। परमात्मा के साथ हम कई तरह के संबंध स्थापित कर…

भयमुक्त कैसे हों ?

भयमुक्त चित ही परमात्मा को पा सकता है। परमात्मा यानी आनंद। यानी भय मुक्त चित् आनंद को पा सकता है। एक फकीर भय मुक्ति की इस अवस्था को पाने के लिए घने जंगल में गया। उसने जंगल में एक कुटिया बनाई। बीहड़ जंगल में डरावने डरावने जानवरों के बीच वह उस कुटीर में रहने लगा।…

Rightful Parenting

Inculcating habit of reading books among children & to cut Social media time is one of the most critical points in Child Parenting. Trust me, if as a parent you are able to cut down the screen time of your ward, although it is a great difficult job, then you are doing a remarkable job.…

असफलता का मूल कारण !

यह हमारी रोजमर्रा के जीवन का अनुभव है, सबके साथ होता है। आप किसी विशिष्ट कार्य का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं। थोड़ी बहुत अड़चन तो हर काम में आती हैं। हो सकता है कई दिनों,महीनों और कभी-कभी तो कई सालों तक कोई उसमें प्रगति न हो। तो आप उस कार्य को छोड़ देते…

THIRD EYE

The source of all Life problem in life is our unawareness – non consciousness. Message of Gautam, The Buddha is simple. To turn inward. The message is simple but the way is arduous. Arduous because we are accustomed to see outside. Object is our focus. We are so oblivious towards the things outside that we…

BREAK MIND PATTERNS

Friends, Life is an opportunity. I always see it as a blessing when someone faces situations where he or she sees no way out. Nobody’s there to help him. He sees himself in the most vulnerable situation. His feelings depict as if he is the most unfortunate, unlucky creature on this planet. That is the…

क्या मनुष्य शरीर है या आत्मा ?

सुख की आकांक्षा वास्तव में आनंद की आकांक्षा है। सुख की आकांक्षा सत्य की आकांक्षा है। सुख की आकांक्षा स्वयं की खोज की यात्रा है। आनंद की खोज स्वयं की खोज है। स्वयं के भीतर जो अनिर्वचनीय, शाश्वत आत्मतत्व विराजमान है, उसकी खोज है। आनंद की खोज आत्मा की खोज है। समृद्धि हर एक के…