एको दृष्टासी सर्वस्य

अष्टावक्र कहते हैं एको दृष्टासी सर्वस्य । अर्थात तू सर्व का दृष्टा है । तू सर्वदा मुक्त है । तेरा बंधन तो यह है कि तू स्वयं को छोड़ दूसरों को दृष्टा देखता है । व्यक्ति दृश्य नहीं दृष्टा है। दृष्टा वह है जिसकी दृष्टि स्वयं पर है। यदि व्यक्ति दूसरों की आंखों का दर्पण…

परमात्मा की लीला

परमात्मा की लीला अपरंपार है। वह जो भी करता है इंसान की भलाई के लिए ही करता है। उसके फैसलों पर शक करना हमको परमात्मा से जोड़ता नहीं तोड़ता है। बात 1912 की है स्कॉटलैंड में एक रोबोट नाम का किसान रहता था। उसके 5 बच्चे थे। उसके मन की यह अभिलाषा थी कि पूरे…

HAPPINESS

Happiness is man’s nature. You need not worry about happiness at all, it is already there. It is in your heart – you just have to stop being unhappy, you have to stop the mechanism functioning that creates unhappiness. But nobody seems to be ready for that. People say, “I want happiness.” It is as…

तीन कुत्तों की कहानी

एक गांव था जिसमें पंचायत बैठा करती थी। एक बार गांव के कुएं में तीन कुत्ते गिर जाते हैं। जिस कारण कुए का पानी पीने लायक नहीं रहता। गांव वालों ने पंचायत में मांग की कि कुएं के पानी को साफ किया जाए और उसे पीने लायक बनाया जाए। मगर किसी के पास कोई उपाय…

EARN TO GIVE

आज हम एक बहुत ही छोटी उम्र के अरबपति मगर दिलदार व्यक्तित्व ऐसे Sam Bankman की बात करने वाले हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन एकमात्र उद्देश्य के लिए समर्पित कर दिया और वह हैं Earn to Give। उन्होंने अपनी सारी संपत्ति दूसरों के कल्याण के लिए दान देने का एकमात्र अपना जीवन लक्ष्य बनाया है।…

वर्तमान में जीना और सृजनात्मकता।

जो करें अपना पूरा उसमें दे दें। हम जो भी कर रहे हैं हम वही नहीं हैं। अगर आप क्रोध करते वक्त पूरा क्रोध बन जाए तो शायद दुबारा क्रोध न करें। शक्ति को संग्रह किए बिना कोई भी सफलता असंभव है ,चाहे वह भीतर ध्यान की यात्रा की कामना हो या धन प्राप्ति की।…

BALANCE

Osho says…Sadness gives depth, Happiness gives heights. Sadness gives roots, happiness gives branches. Happiness is like a tree going into the sky and sadness is like the roots going deep down into the womb of the earth. Both are needed simultaneously so that the tree goes higher and also deeper. Bigger the tree the bigger…

क्या जगत मिथ्या है ?

सत्य की कोई परिभाषा नहीं हो सकती। जो परिभाषित किया जा सके वह सत्य नहीं हो सकता ! जो शब्दों के परे है, जो अनिर्वचनीय हैं वही सत्य है । सत्य शब्दातीत है,मनातित है। सत्य अनुभव है, जो मन के अतिक्रमण के बाद अनुभव में आता है। निर्विचार की वह अवस्था जहां मन न हो,…

ANTI LIFE

From times immortal we have highlighted poverty to such an extreme & considered it good while we have a different eye altogether for wealthy people considering them as if they have accumulated all their wealth with illegal means. We have virtually worshipped poverty and doubted the rich person. This anti life attitude is the basic…

THE IDEAL JOURNEY

Journey towards enlightenment should start from the body. Journey towards enlightenment should start from inside out that is from the roots & ultimately to the flowers. When a seeker walks on the inner path, it results into aligning oneself to the roots. There can be a different Journey – Outside to In. Our present education…